अयोध्या 5 हनुमान वाटिका अयोध्या 5 हनुमान वाटिका
और घातक हो जाएगी। इसलिए पेड़ लगाएं और धरती बचाएं। और घातक हो जाएगी। इसलिए पेड़ लगाएं और धरती बचाएं।
अब तो ना रही, गले में कंठी, और ना ही, रही स्वाभिमान की माला।। अब तो ना रही, गले में कंठी, और ना ही, रही स्वाभिमान की माला।।
मन में जो रख ले आस्था और विश्वास समझ लो जादुई चिराग उसी के पास। मन में जो रख ले आस्था और विश्वास समझ लो जादुई चिराग उसी के पास।
आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं। आजा फिर से घर घर खेलें गुड्डे गुड्डी का ब्याह रचाएं।
भँवरे यूँ ही सफलता के आते रहेंगे निराशा के कांटे अब नहीं चुभने चाहिये। भँवरे यूँ ही सफलता के आते रहेंगे निराशा के कांटे अब नहीं चुभने चाहिये।